Cryptography in Hindi

क्रिप्टोग्राफी डेटा को संग्रहीत करने और प्रसारित करने की एक विधि है जिसमे साधारण शब्दोँ में लिखे जानकारी को कूट भाषा में बदला जाता है जिसे बाद में बाद में पुनः साधारण शब्दोँ  में बदल दिया जाता है | इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि  केवल वही व्यक्ति डाटा को एक्सेस कर सके जो उसका   हकदार हो और  डाटा की चोरी को रोका जा सके |

क्रिप्टोग्राफ़ी के पांच प्राथमिक उदेश्य हैं:

गोपनीयता - यह सुनिश्चित करना कि  जानकारी को रिसीवर के आलावा और  किसी के द्वारा नहीं समझा जा सके |

सत्यनिष्ठा - रिसीवर को आश्वासन देना कि  संदेश में किसी भी तरह का फेरबदल नहीं किया गया है  |

प्रमाणीकरण - प्रेषक और रिसीवर प्रत्येक जानकारी  की पुष्टि कर सकते हैं |

गैर-अस्वीकृति - क्रिप्टोग्राफी यह  सुनिश्चित करता है कि प्रेषक ने वास्तव में जो संदेश भेजा है केवल वही रिसीवर को मिले |  इसलिए प्रेषक  अपने द्वारा भेजे गए किसी भी संदेश  को झुठला नहीं सकता |

क्रिप्टो कुंजी :  प्रेषक और रिसीवर के बीच एक प्रकार की  कुंजी साझा की जाती है जिससे वो अपने संदेशों को एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्ट कर सकतें है |

क्रिप्टोग्राफ़ी 3 तरह के हो सकतें है :

Secret Key Cryptography(SKC): इसमें एन्क्रिप्शन ( साधारण भाषा में लिखे शब्दों को कूट भाषा में  बदलना ) और डिक्रिप्शन (कूट भाषा में   लिखे शब्दों को  साधारण भाषा में बदलना |   दोनों के लिए एक ही कुंजी का उपयोग करता है

Public Key Cryptography  (PKC): इसमें एन्क्रिप्शन के लिए एक कुंजी और डिक्रिप्शन के लिए अन्य का उपयोग करता है |

Hash Functions: इसमें एक गणितीय फंक्शन का  उपयोग करके सन्देश को एन्क्रिप्ट किया जाता है जिससे पुनः डिक्रिप्ट नहीं किया जा सकता क्यूंकि इसके कोई कुंजी नहीं होती  |

आधुनिक क्रिप्टोग्राफी तकनीक  गणित, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, संचार विज्ञान और भौतिकी  का उपयोग करके  सूचना सुरक्षा के  विभिन्न पहलू जैसे डेटा गोपनीयता, डेटा अखंडता, प्रमाणीकरण और गैर-प्रतिवाद को बनाये रखने का काम करती है | आज के डिजिटल युग में जब अरबों लोग  इंटरनेट  के माध्यम से  संचार और जानकारी  आदान प्रदान करते हैं, ऐसे में डेटा की सुरक्षा बहुत ही महत्वपूर्ण  है और क्रिप्टोग्राफी के बिना डाटा सुरक्षा  संभव नहीं है |  क्रिप्टोग्राफ़ी का उपयोग बैंकिंग लेनदेन कार्ड, कंप्यूटर पासवर्ड और ई-कॉमर्स लेनदेन जैसे कई अनुप्रयोगों में किया जाता है।

हालाँकि क्रिप्टोग्राफ़ी के अपने कुछ नुक्सान भी है | चूँकि इसके मदद से डाटा को  प्रेषक और रिसीवर के अलावा और कोई नहीं पढ़ सकता इसलिए इसका उपयोग अकसर अपराधियों द्वारा किया जाता है | क्रिप्टोकोर्रेंसी के मदद से की गयी पैसों के लेनदेन भी पूर्णतः गुप्त होती है | इसलिए यह अकसर अवैध गतिविधिओं को अंजाम देने के लिए किया जाता है |

इन सब के बाबजूद  अगर  क्रिप्टोग्राफ़ी  का उपयोग सही तरीके से किया जाए तो वह बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकती  है | आज के युग  में जहां डाटा चोरी और हैकिंग एक आम बात हो गयी है ऐसे में क्रिप्टोग्राफ़ी  किसी वरदान से कम नहीं |

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