Meaning, Features and Types of Budget in Hindi | Definition of Budget in Hindi
बजट भविष्य की एक निर्दिष्ट अवधि में होने वाले सभी आय और व्यय के पूर्वानुमान है को कहा जाता है | दूसरे शब्दों में बजट एक प्रकार की वित्तीय योजना है जिसके आधार पर लोग अपने खर्चों को नियंत्रित करते हैं | बजट का निर्माण लगभग हर उस व्यक्ति , परिवार, व्यवसाय, सरकार, या संगठन द्वारा किया जाता है जो पैसे कमाते और खर्च करते हैं |
बजट का सर्बाधिक उपयोग सार्वजनिक बजट के रूप में किया जाता है जो किसी देश के सरकार द्वारा बनाई जाने वाला बजट है | यह एक निश्चित अवधि के लिए समस्त देश की आय और व्यय का अनुमान है | सार्वजनिक बजट की तैयारी एक कानून द्वारा विनियमित होती है। इस तरह, यह उम्मीद की जाती है कि वर्तमान सरकार सार्वजनिक धन के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकती है। इसके अलावा, बजट को संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
बजट की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित है :
यह एक निर्दिष्ट भविष्य की अवधि से संबंधित होता है |
यह पिछले अनुभवों और रुझानों के आधार पर तैयार किया जाता है ।
औपचारिक बजट आमतौर पर लिखित रूप में प्रस्तुत मिया जाता है और सभी सम्बंधित लोग इस पर अपनी राय पेश करते हैं | चर्चा के बाद अगर बहुमत इस बजट से सहमत होता है तो बजट को पास कर दिया जाता है |
चूँकि बजट भविष्य से संबंधित है और भविष्य अनिश्चित होता है इसीलिए समय के साथ अगर परिस्थितियां बदलती है तो बजट में संशोधन किया जाता है |
बजट निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं :
बजट के अवधि के हिसाब से
दीर्घकालिक बजट: ऐसे बजट 3 से 10 वर्षों तक के लंबे समय के लिए बनाया जाता है |
अल्पकालिक बजट: ऐसे बजट 1 से 2 साल की अवधि के लिए तैयार किया जाता है |
किसी व्यवसाय के द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के हिसाब से
Sales Budget : सेल्स बजट में किसी कंपनी द्वारा किसी भविष्य की अवधि में किसी वस्तु के कितने इकाई बेचे जाएंगे, का अनुमान प्रस्तुत करता है | इसी की मदद से कोई कंपनी अपने आय का अनुमान लगा सकती है |
Production Budget: जैसे सेल्स बजट बिक्री का अनुमान है उसी प्रकार प्रोडक्शन बजट उत्पादन का अनुमान है | इसमें किसी कंपनी द्वारा उत्पादित किए जाने वाले किसी विशेष वस्तु के कितने इकाइयों को किसी भविष्य की अवधि में उत्पादित किया जाएगा का अनुमान रहता है |
Materials Budget: इसमें किसी उत्पाद के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री ( कच्चे माल ) की मात्रा का अनुमान पाया जाता है |
Purchase Budget : इसमें कंपनी द्वारा किसी भविष्य की अवधि में खरीदे जाने वाले विभिन्न वस्तुओं की मात्रा और मूल्य का अनुमान रहता है |
Cash Budget: इसमें वेव्यवसाय के अनुमानित नगदी की सभी प्राप्तियों और भुगतानों का अनुमान रहता है।
मास्टर बजट: एक बार सभी कार्यात्मक बजट बनाए जाने के बाद, वित्तीय अधिकारी एक मास्टर बजट तैयार करता है । यह एक एकीकृत बजट है जो व्यबसाय के अनुमानित लाभ या हानि को दर्शाता है |
बजट किसी संस्था या परिवार के लिए एक तरह के नक्शे का काम करता है जो कि उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्य से भटकने नहीं देता है | उदाहरण के लिए अगर किसी परिवार को पता है की अगले महीने उनकी परिवार की कुल आमदनी ₹40000 होगी तो अपने बजट का निर्माण करते समय वह अपने खर्चों को उसी हिसाब से नियंत्रित कर लेते हैं | अगर परिवार के लोग इस बजट को अनुशासन के साथ पालन करें तो उन्हें कभी भी कर्ज का सहारा नहीं लेना पड़ेगा | बजट खर्चों को नियंत्रित करके कुछ धन राशि भबिष्य के लिए बचाने में मदद करता है। बजट के सदुपयोग का उदाहरण जीवन के विभिन्न हिस्सों जैसे खरीदारी करते समय, यात्रा करते समय, या कहीं घूमने जाते समय देखने को मिलता है |
वित्तीय अनुशासन व्यवसायियों के लिए विशेषकर आवश्यक है क्योंकि उन्हें कम से कम दामों में अपने उपभोक्ताओं को अच्छे से अच्छे सेवाएं और वस्तुएं प्रदान करना होता है | इसीलिए आज हर एक व्यवसाय बजट के निर्माण को विशेष महत्व देती है |
किसी बजट के अवधि के समाप्ति के बाद भी बजट काफी उपयोगी होता है | बजट के मदद से कोई व्यवसाय इस बात का मूल्यांकन कर सकता है कि व्यवसाय के विभिन्न भाग कितने कितनी कुशलता से अपने कार्यों को करने में सक्षम है | क्या वह अपने निर्धारित बजट के रकम में अपना कार्य ठीक से कर सके या नहीं ?
बजट का निर्माण एक बहुत ही जटिल और समय उसमें बहुत सारा समय और पैसे लगते हैं | बजट का निर्माण किसी भविष्य की अवधि के लिए किया जाता है और भविष्य अनिश्चित होता है | इसलिए बजट पर बहुत ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता | भविष्य स्थितियां बदलते बजट के सारे अनुमान गलत साबित हो सकते हैं | इसके अतिरिक्त कई बार बजट के निर्माता जानबूझकर बजट के आंकड़ों को अपने हित अनुसार हेर फेर कर देते हैं | इसका व्यवसाय के कामकाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है |
इन सब के बावजूद बजट एक बहुत ही महत्वपूर्ण साजन है जिसका सही से इस्तमाल किया जाए तो बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है |
बजट का सर्बाधिक उपयोग सार्वजनिक बजट के रूप में किया जाता है जो किसी देश के सरकार द्वारा बनाई जाने वाला बजट है | यह एक निश्चित अवधि के लिए समस्त देश की आय और व्यय का अनुमान है | सार्वजनिक बजट की तैयारी एक कानून द्वारा विनियमित होती है। इस तरह, यह उम्मीद की जाती है कि वर्तमान सरकार सार्वजनिक धन के साथ दुर्व्यवहार नहीं कर सकती है। इसके अलावा, बजट को संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
Features of budget in hindi
बजट की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित है :
यह एक निर्दिष्ट भविष्य की अवधि से संबंधित होता है |
यह पिछले अनुभवों और रुझानों के आधार पर तैयार किया जाता है ।
औपचारिक बजट आमतौर पर लिखित रूप में प्रस्तुत मिया जाता है और सभी सम्बंधित लोग इस पर अपनी राय पेश करते हैं | चर्चा के बाद अगर बहुमत इस बजट से सहमत होता है तो बजट को पास कर दिया जाता है |
चूँकि बजट भविष्य से संबंधित है और भविष्य अनिश्चित होता है इसीलिए समय के साथ अगर परिस्थितियां बदलती है तो बजट में संशोधन किया जाता है |
Types of Budget
बजट निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं :
बजट के अवधि के हिसाब से
दीर्घकालिक बजट: ऐसे बजट 3 से 10 वर्षों तक के लंबे समय के लिए बनाया जाता है |
अल्पकालिक बजट: ऐसे बजट 1 से 2 साल की अवधि के लिए तैयार किया जाता है |
किसी व्यवसाय के द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्यों के हिसाब से
Sales Budget : सेल्स बजट में किसी कंपनी द्वारा किसी भविष्य की अवधि में किसी वस्तु के कितने इकाई बेचे जाएंगे, का अनुमान प्रस्तुत करता है | इसी की मदद से कोई कंपनी अपने आय का अनुमान लगा सकती है |
Production Budget: जैसे सेल्स बजट बिक्री का अनुमान है उसी प्रकार प्रोडक्शन बजट उत्पादन का अनुमान है | इसमें किसी कंपनी द्वारा उत्पादित किए जाने वाले किसी विशेष वस्तु के कितने इकाइयों को किसी भविष्य की अवधि में उत्पादित किया जाएगा का अनुमान रहता है |
Materials Budget: इसमें किसी उत्पाद के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री ( कच्चे माल ) की मात्रा का अनुमान पाया जाता है |
Purchase Budget : इसमें कंपनी द्वारा किसी भविष्य की अवधि में खरीदे जाने वाले विभिन्न वस्तुओं की मात्रा और मूल्य का अनुमान रहता है |
Cash Budget: इसमें वेव्यवसाय के अनुमानित नगदी की सभी प्राप्तियों और भुगतानों का अनुमान रहता है।
मास्टर बजट: एक बार सभी कार्यात्मक बजट बनाए जाने के बाद, वित्तीय अधिकारी एक मास्टर बजट तैयार करता है । यह एक एकीकृत बजट है जो व्यबसाय के अनुमानित लाभ या हानि को दर्शाता है |
Advantages of Budget
बजट किसी संस्था या परिवार के लिए एक तरह के नक्शे का काम करता है जो कि उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्य से भटकने नहीं देता है | उदाहरण के लिए अगर किसी परिवार को पता है की अगले महीने उनकी परिवार की कुल आमदनी ₹40000 होगी तो अपने बजट का निर्माण करते समय वह अपने खर्चों को उसी हिसाब से नियंत्रित कर लेते हैं | अगर परिवार के लोग इस बजट को अनुशासन के साथ पालन करें तो उन्हें कभी भी कर्ज का सहारा नहीं लेना पड़ेगा | बजट खर्चों को नियंत्रित करके कुछ धन राशि भबिष्य के लिए बचाने में मदद करता है। बजट के सदुपयोग का उदाहरण जीवन के विभिन्न हिस्सों जैसे खरीदारी करते समय, यात्रा करते समय, या कहीं घूमने जाते समय देखने को मिलता है |
वित्तीय अनुशासन व्यवसायियों के लिए विशेषकर आवश्यक है क्योंकि उन्हें कम से कम दामों में अपने उपभोक्ताओं को अच्छे से अच्छे सेवाएं और वस्तुएं प्रदान करना होता है | इसीलिए आज हर एक व्यवसाय बजट के निर्माण को विशेष महत्व देती है |
किसी बजट के अवधि के समाप्ति के बाद भी बजट काफी उपयोगी होता है | बजट के मदद से कोई व्यवसाय इस बात का मूल्यांकन कर सकता है कि व्यवसाय के विभिन्न भाग कितने कितनी कुशलता से अपने कार्यों को करने में सक्षम है | क्या वह अपने निर्धारित बजट के रकम में अपना कार्य ठीक से कर सके या नहीं ?
Disadvantages of budgeting
बजट का निर्माण एक बहुत ही जटिल और समय उसमें बहुत सारा समय और पैसे लगते हैं | बजट का निर्माण किसी भविष्य की अवधि के लिए किया जाता है और भविष्य अनिश्चित होता है | इसलिए बजट पर बहुत ज्यादा विश्वास नहीं किया जा सकता | भविष्य स्थितियां बदलते बजट के सारे अनुमान गलत साबित हो सकते हैं | इसके अतिरिक्त कई बार बजट के निर्माता जानबूझकर बजट के आंकड़ों को अपने हित अनुसार हेर फेर कर देते हैं | इसका व्यवसाय के कामकाज पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है |
इन सब के बावजूद बजट एक बहुत ही महत्वपूर्ण साजन है जिसका सही से इस्तमाल किया जाए तो बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है |
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